मधुमेह यानि डायबिटीज आज के समय का सबसे गंभीर और खतरनाक बीमारी बन के उभरा है। भारत समेत पूर्ण दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में डायबिटीज ग्रस्त मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिसमे सबसे ज्यादा मरीज भारत के पाए जा रहे है। इस वजह से भारत को डायबिटीज का ग्लोबल कैपिटल भी कहा जा रहा है। ये एक ऐसी बीमारी है जो आपके खान-पान और जीवनशैली पर काफी निर्भर करती है। ब्लड में शर्करा की मात्रा बढ़ जाना और शुगर लेवल हाई होना ही डायबिटीज कहलाता है। और अगर यह एक बार हो जाए तो जीवनभर साथ रहता है, अपने खान-पान और जीवनशैली को सुधारकर ही इसका रोकथाम किया जा सकता है।
ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोत्तरी ही डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण होता है। इस बीमारी से शरीर की सभी कार्यप्रणाली गड़बड़ हो जाती है। डायबिटीज होने का सबसे बड़ा लक्षण होता है किसी चोट या घाव का जल्दी न सुखना। हाई ब्लड शुगर पीड़ित व्यक्ति की नसों, लीवर, किडनी और रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके साथ-साथ ही यह लोगो के यौन जीवन को भी नीरस बना देता है। क्योंकि यह लोगों की सेक्सुअल हेल्थ को भी प्रभावित करता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज का असर पुरुष तथा महिला के प्रजनन क्षमता यानि फर्टिलिटी पर पड़ता है। दरअसल, डायबिटीज का प्रभाव महिलाओ तथा पुरुषों के सेक्सुअल हेल्थ पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है। तो आइये जानते है की कैसे डायबिटीज आपके सेक्सुअल लाइफ को प्रभावित करता है।
पुरुषों की फर्टिलिटी में डायबिटीज का प्रभाव (Effect of Diabetes in men's Fertility)
एक अध्ययन के मुताबिक डायबिटीज से ग्रसित पुरुष में स्पर्म काउंट कम होने, स्पर्म क्वालिटी में गिरावट, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, शीघ्रपतन जैसी परेशानियाँ देखने को मिलती है। आज से कुछ समय पहले एशियन जर्नल ऑफ एंड्रोलॉजी में छपे एक रिसर्च पेपर के मुताबिक जो भी पुरुष डायबिटीज (टाइप1 या टाइप 2) से पीड़ित होता है, उनमे स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म काउंट की कमजोरी पायी जाती है। स्पर्म काउंट लो होने से गर्भधारण तथा भ्रूण के सही तरीके से विकास होने में बहुत सारी बाधाएं उत्पन्न होती है। तो ऐसा महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें और उचित इलाज कराये।
महिलाओ की फर्टिलिटी में डायबिटीज का प्रभाव (Effect of Diabetes in Women's Fertility):-
कई सारे अध्ययन और रिसर्च में पाया गया है, की डायबिटीज का महिलाओ की इंफर्टिलिटी से सीधा संबंध है। यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को काफी हद तक प्रभावित करता है। इन रिसर्च के अनुसार टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता अन्य महिलाओं से 17 फीसदी तक कम होती है। इसी तरह डायबिटीज की वजह से इन महिलाओं में माहवारी (Periods) भी देरी से शुरु होती हैं और रजोनिवृति (मेनोपॉज) भी असमय होता है। रजोनिवृति (मेनोपॉज) में महिलाएं मां बनने की क्षमता खो देती है। महिलाओं के लिए शरीर की ये अवस्था उसके लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत सारे बदलाव लाती है। कृपया जब भी कभी ऐसे लक्षण दिखे तो चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य ले।
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