जानिए पुरानी से पुरानी कब्ज की दवा के बारे में | Ayurvedic Medicine for Constipation in Hindi

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ये 7 गलतियां सुधारकर पाया जा सकता है पुरानी से पुरानी कब्ज से छुटकारा !

Posted on Oct 01, 2021
ये 7 गलतियां सुधारकर पाया जा सकता है पुरानी से पुरानी कब्ज से छुटकारा !
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कब्ज से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक तरीके (Ayurvedic Medicine for Constipation in Hindi)

Ayurvedic Medicine for Constipation:- "कब्ज" आज के खान-पान तथा बदहाल जीवनशैली का सबसे बुरा नतीजा है। इसके आम कारणों में जंक फूड का सेवन, अत्यधिक शराब पीना, पान मसाला /धूम्रपान आदि भी शामिल है। कब्ज को आयुर्वेद में वर्णित विबंध (Vibandha) के समान एक रोग की स्थिति माना गया है। यह आज के समय की सबसे बड़ी आम समस्या हो गयी है। कब्ज एक ऐसी समस्या है जिसमे इंसान (पुरुष/महिला) को शौच के समय आसानी से मल नहीं निकलता है तथा वो ब्लोटिंग और असहजता का अनुभव करते हैं। कभी-कभी यह समस्या बहुत परेशान करने वाली तथा तेज दर्द का कारण बन जाती है। क्यूंकि कब्ज से पीड़ित मरीज शौच के समय पूर्ण मलत्याग नहीं कर पाता है इसके वजह से शरीर में बचा हुआ मल सख्त हो जाता है, जो आसानी से नहीं निकलता और अगली बार शौच के समय असहनीय दर्द का कारण बन जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार (ayurvedic medicine for constipation) यह स्थिति मूलरुप से तब होती है जब वात के ठंडे और शुष्क गुण कोलन को परेशान करते हैं,और इसके उचित कार्य को बाधित करते हैं। परन्तु आयुर्वेद के अनुसार जड़ीबूटियों /प्राकृतिक तत्वों के नियमित सेवन से मल त्याग की क्रिया को सुचारु तथा निर्बाध बना सकते है। तो आइये सबसे पहले जानते है कब्ज के कारण, लक्षण तथा राहत दिलाने वाले प्राकृतिक तत्वों के बारे में।

कब्ज की समस्या के कारण (Causes of Constipation in Hindi):-

  • अपर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन।
  • अनुचित आहार (कम फाइबर वाला आहार)।
  • व्यायाम तथा शारीरक परिश्रम की कमी।
  • शौच क्रिया की अनियमितता।
  • पेट संबधी किसी समस्या की हाई डोज़ की दवा का सेवन।
  • रोग ( हाइपोथायरोडिज्म, एनल फिशर, क्रोनिक रीनल फेल्योर, कोलन या रेक्टल कैंसर, हाइपरलकसीमिया आदि)।
  • दवाएं ( एंटासिड, एंटी-हिस्टामाइन, एंटी-साइकोटिक दवाएं, एस्पिरिन, बीटा ब्लॉकर्स, एंटी-हाइपरटेन्सिव ड्रग्स)।

कब्ज के लक्षण (Symptoms of Constipation in Hindi):-

आपके मन ने सवाल उत्पन्न हुआ होगा की कैसे पता करे की हम कब्ज की समस्या से पीड़ित हो चुके है तो आइये उसके लिए कुछ लक्षण बता देते है जिससे आप आसानी से समझ जायेंगे की आप कब्ज की समस्या से ग्रस्त हो चुके है।

  • कठोर एवं सख्त मल त्याग
  • मल के पारित होने के दौरान तनाव
  • सिरदर्द
  • कब्ज के कारण मुँह में छाले होना भी एक आम समस्या है।
  • पेट में दर्द / बेचैनी या सूजन
  • समय से शौच न लगना
  • बिना श्रम के ही आलस्य बने रहना।
  • पिण्डिलियों में दर्द रहना।

तो ये थे कब्ज के कुछ कारण और लक्षण अब आइये जानते है की किस तरह से प्राकृतिक तत्वों को अपने आहार में शामिल करके कुछ दिनों के अंदर कब्ज की समस्या से राहत पाया जा सकता है।

  • भारी, सेहत के लिए हानिकारक, अत्यधिक तेल और मसालेदार भोजन, बेकरी और संरक्षित फूड्स के सेवन से बचें।
  • सबसे पहले सुबह-शाम  एक गिलास हलका गर्म पानी पीने की आदत डाले
  • हल्के और आसानी से पचने योग्य उच्च फाइबर युक्त आहार को अपने भोजन में सम्मिलित करे।
  • खूब सारे तरल पदार्थ और आदिक मात्रा में पानी का सेवन करें।
  • स्वस्थ डाइट प्लान को फॉलो करें।
  • नियमित व्यायाम का अभ्यास करें।
  • अत्यधिक चाय, कॉफी, एल्कोहल और धूम्रपान के सेवन से बचें।

प्रकृति में ऐसी बहुत सी जड़ीबूटियां है जिनको दैनिक आधार पर अपने जीवनशैली में शामिल करके कब्ज की समस्या से बहुत हद तक राहत पाया जा सकता है।

मुलेठी:- एक चम्मच मुलेठी पाउडर तथा एक चम्मच गुड़ को एक गिलास दूध में मिलाकर सोने से पहले पीने से सुबह पेट साफ होता है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

इसे भी जरूर पढ़ें:-  मुलेठी के इन विशेषताओं से है अनजान? जानिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए मुलेठी के फायदे !

भुनी सौंफ:- १ चम्मच भुनी हुई सौफ को सोने से पहले चबाकर खाये या सौफ को पीसकर गर्म पानी के साथ भी सेवन कर सकते है। इस तरह इसके इस्तेमाल से पेट साफ़ रहता है तथा कब्ज की समस्या दूर रहती है।

अंजीर:- अंजीर मे भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कब्ज की समस्या के लिए बहुत ही शानदार औषधि माना जाता है। इसे गर्म पानी में डालकर सेवन करे या फिर आप इसे रोजाना खा भी सकते है।

बेल:- आधा चम्मच बेल का पल्प तथा एक चम्मच गुड़ रात को भोजन से पहले लेने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। इसका इस्तेमाल आप सरबत के रूप में भी कर सकते है।

त्रिफला:-  यह कब्ज से निदान पाने का सबसे अचूक उपाय माना जाता है। इसके लिए एक चौथाई त्रिफला, आधा चम्मच धनिया के दाने तथा एक चौथाई चम्मच इलायची के दाने पीस ले तथा इसे सुबह शाम भोजन के बाद ले। इसके सेवन से कब्ज की समस्या में लाभ मिलता है।

योगासन :-

कुछ ऐसे योगासन भी है जो कब्ज की समस्या में फायदेमंद माने जाते है जैसे:- शवासन, कुर्मासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, मंडूकासन, वज्रासन, मेरुदंड संचालनासन, शंख प्रक्षालन इत्यादि। इन योगसनो को भी अपने जीवनशैली में शामिल करके कब्ज की समस्या से राहत तथा हेल्दी लाइफ पाया जा सकता है।

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